place to visit in Mathura and Vrindavan | मथुरा में घुमने की जानकारी – ब्रज भूमि कहे जाने वाला भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि एवं उत्तर प्रदेश की पवित्र स्थानों में शामिल मथुरा जो एक बहुत ही सुन्दर सा शहर है जहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते है यहाँ विदेश से भी लोग आते है यह जगह भारत देश के पवित्र स्थानों में एक है मथुरा पर्यटक स्थल के साथ-साथ एक एतिहासिक जगह भी है (mathura pin code Pin Code) मथुरा का वर्मतमान समय में पिन कोड 281001 है यहाँ आपको घुमने वाले बहुत सारी जगहें मिलेंगी तो आइये हम बात करते है मथुरा के प्रसिद्ध जगहों के बारे में
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Mathura Tourist Places In Hindi | पर्यटन स्थल मथुरा-
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place to visit in Mathura and Vrindavan | मथुरा में घुमने की जानकारी – यहाँ श्री कृष्ण भगवान के बचपन की बहुत सारी कहानियां है और उनकी अद्भुत लीलाएं जानने को भी मिलती है मथुरा उत्तर प्रदेश में दिल्ली से लगभग 150 किलोमीटर और (agra to mathura distance) आगरा से लगभग 57 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है आगरा से मात्र आपको 1 घंटे लगते है मथुरा पहुँचने में वैसे तो ज्यादातर आपको यहाँ छोटा-छोटा गाँव देखने को मिलता है लेकिन जब आप यहाँ जायेंगे तो आप बड़ी-बड़ी शहर की इमारतों (Building) को भी भूल जायेंगे क्युकी यह गाँव बहुत ही ज्यादा खुबसूरत है और यहाँ कृष्ण भगवान की बचपन की यादें भी है मुझे तो यह गाँव बहुत ही ज्यादा पसंद आया यहाँ आपको पतली-पतली गलियाँ भी मिलेंगी जहां भगवान श्री कृष्ण खेला करते थे एक शब्दों में कहा जाए तो मथुरा की सारी जगह एतिहासिक ही है
वृन्दावन धाम मथुरा | Vrindavan Dham In Mathura |
द्वारिकाधीश मंदिर मथुरा | Dwarkadhish Temple In Mathura |
गोवर्धन पर्वत मथुरा | Govardhan Parvat In Mathura |
बांके बिहारी मंदिर मथुरा | Banke Bihari Temple In Mathura |
कंस किला | Kansh Fort In Mathura |
निधिवन | Nidhivan |
माता वैष्णो देवी धाम मथुरा | Mata Vaishno Devi Dham Vrindavan Mathura |
प्रेम मंदिर | Prem Temple |
राधा कुंड | Radha Kund |
रंगजी मंदिर मथुरा ( रंगनाथ जी मंदिर मथुरा ) | Sri Rangji Temple In Mathura |
बरसाना श्री राधा रानी मंदिर मथुरा | Barsana Shri Radha Rani Temple Mathura |
गोकुल मथुरा | Gokul Dham In mathura |
स्कान मंदिर मथुरा | Iskcon Temple In Mathura |
वृन्दावन धाम मथुरा | Vrindavan Dham In Mathura | Vrindavan Mathura –
(mathura to vrindavan distance) मथुरा रेलवे स्टेशन से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित वृन्दावन मथुरा का एक मुख्य स्थान भी माना जाता है क्युकी वृन्दावन में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी जी का बहुत सारा मंदिर स्थित है मथुरा के ब्रज यात्रा में आप वृन्दावन की खूबसूरती देख कर बिलकुल प्रसन्न हो उठेंगे क्युकी यहाँ आपको वृन्दावन का सबसे प्रसिद्ध प्रेम मंदिर भी देखने को मिलेगा जिसे देखने के लिए विदेश से भी लोग आते है वृन्दावन एक तरफ से मथुरा का मध्य केंद्र माना जाता है जहाँ से आप मथुरा के जगह जगह को घूम सकते है
वृन्दावन धाम से आपको कही भी आने जाने की कोई समस्या नहीं होगी क्यूकी यहाँ आपको ठहरने के लिए छोटे-बड़े सभी होटल मौजूद होंगे और घुमने के लिए गाड़ियां भी आसानी से मिल जाती है और यहाँ बहुत ही खुबसूरत जगह भी हैं देखने के लिए तथा यहाँ अच्छे-अच्छे रेस्तरा भी मौजूद मिलेंगे आपको जहां आप कम पैसो में ही अच्छे और स्वादिष्ट भोजन कर सकते है
द्वारिकाधीश मंदिर मथुरा | Dwarkadhish Temple In Mathura | मथुरा में घुमने वाले जगह–
मथुरा रेलवे स्टेशन से लगभग 5 किलोमीटर की दुरी पर विश्राम घाट के समीप राजाधिराज बाज़ार में स्थित द्वारिकाधीश मंदिर जिसका निर्माण सन 1814 ई. में सेठ गोकुल दास पारीख जी के द्वारा हुआ था इस पवित्र मंदिर में भगवान श्री कृष्ण जी की बहुत सी कलाकृतियाँ मौजूद है जिन्हें आप देख सकते है और उनके लीलाओं के बारे में जानकारी ले सकते है की बचपन में श्री कृष्ण जी ने कैसी कैसी लीलाएं रची है अगर आप कभी मथुरा घुमने के लिए जाते है तो द्वारिकाधीश मंदिर जाना बिलकुल ना भूले
द्वारिकाधीश मंदिर में घुमने का सबसे अच्छा समय श्री कृष्णजन्माष्टमी , होली तथा श्रावण के महीने के समय होता है क्युकी उस समय आप मथुरा घुमने का असली आनंद ले सकते है लेकिन यहाँ बहुत ज्यादा भीड़ भी होता है क्युकी उस समय बहुत सारे श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए आते है
द्वारिकाधीश मंदिर में आरती और कार्यक्रम के समय की जानकारी,click here
गोवर्धन पर्वत मथुरा | Govardhan Parvat In Mathura –
गिरिराज कहे जाने वाला गोवर्धन पर्वत मथुरा से लगभग 22 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है यह जगह मथुरा का एक मुख्य स्थान भी माना जाता है क्युकी यह मथुरा का सबसे ज्यादा घुमने वाला स्थान भी है यह पर्वत एक एतिहासिक जगह भी माना जाता है जब आप गोवर्धन पर्वत को देखेंगे तो बहुत ही ज्यादा आश्चर्यचकित हो जायेंगे क्युकी कई सौ साल पहले यह गाँव बाढ़ से डूब रहा था तब भगवान श्री कृष्ण ने इसी पर्वत को अपने एक ऊँगली पर उठा पुरे गाँव वालो को बचाया था और तभी से इस पवित्र पर्वत की पूजा की जाती है
यह पर्वत 23 किलोमीटर में फैला हुआ है लोग इसकी परिक्रमा करते है ऐसा माना जाता है की जो भी व्यक्ति इस पर्वत की परिक्रमा को पूर्ण करता है उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है बहुत से लोग इस पर्वत की परिक्रमाअपने वाहन के माध्यम से भी करते है क्युकी 23 किलोमीटर तक पैदल चलना हर किसी की बात नहीं होती अगर आप कभी भी मथुरा घुमने के जाते है तो गोवर्धन पर्वत घूमना बिलकुल न भूले दानघाटी नामक एक प्रसिद्ध मंदिर से आपकी परिक्रमा की शुरुवात होती है और बिच-बिच में आपको अनेक प्रकार के धार्मिक स्थल भी देखने को मिलेंगे जहां आप दर्शन भी कर सकते है
बांके बिहारी मंदिर मथुरा | Banke Bihari Temple In Mathura –
वृन्दावन रमण रेती में स्थित श्री बांके बिहारी जी का मंदिर मथुरा का सबसे प्रिय और सबसे खास माना जाता है इस मंदिर का निर्माण सन 1864 इ. में स्वामी हरिदास जी ने करवाया था बांके बिहारी जी कृष्ण भगवान जी का एक रूप है इस मंदिर की बहुत सारी कहानियाँ है जो की निम्न प्रकार की है
कहा जाता है की एक बार बूढी औरत बांके बिहारी जी के मंदिर में दर्शन के आई उस बूढी औरत का कोई भी संतान नहीं था और उसने बांके बिहारी जी के मंदिर में उनकी प्रतिमा को निहारती रही और फिर जब थोड़ी देर बाद से अपने घर के लिए जाने लगी तो उनके पास एक छोटा सा बालक आया और उस बूढी औरत का हाथ पकड़ लिया और उसके साथ जाने की जिद करने लगा तब उस बूढी औरत ने उस नन्हे बालक को अपने साथ अपने घर लेकर गई कुछ समय बाद जब पुजारी मंदिर में गये थे उन्होंने देखा की मंदिर की मूर्ति गायब है धीरे धीरे यह बात चारो तरफ फ़ैल गई की मंदिर से मूर्ति गायब है
जब यह बात बूढी औरत के कानो तक पहुंची तो वह समझ गई की जो बालक मेरे साथ मेरे घर आया है वो कोई और नहीं बल्कि श्री कृष्ण भगवान खुद बालक के रूप में है उस समय उस बूढी औरत के आँखों से खुसी के आंसू बहने लगे लेकिन पुजारी और वहां के लोगो को परेशान देख कर उस बूढी औरत ने यह बात पुजारी को बताई की भगवान जी स्वयं मेरे घर में है एक बालक के रूप तब वहां पुजारी और कुछ लोग जाकर भगवान को मनाते है और उनको वापस मंदिर में आने के लिए बोलते है तब जाकर भगवान श्री कृष्ण मंदिर में अपने स्थान पर आकर विराजमान होते है
कहा जाता है की उसी समय से किसी भी व्यक्ति को ज्यादा समय तक भगवान कृष्ण की प्रतिमा को देखने की अनुमति नहीं है इसीलिए वहां एक पर्दा लगा दिया गया है जिससे भगवान की प्रतिमा को ज्यादा देर तक कोई न देख पायें और उस परदे को हर मिनट में हटाया जाता है और फिर थोड़ी देर में ही ढक दिया जाता है और मैंने ऐसा भी सुना है की भगवान श्री कृष्ण जी के पैरो को जंजीर से बाँधा गया है क्युकी भगवान फिर किसी भक्त के साथ वहाँ से न चले जाएँ अगर आप कभी भी मथुरा बांके जी के मंदिर में जाते है तो ये जरुर ध्यान दीजियेगा की कोई भी व्यक्ति आपसे मदद मांगे तो आप उनकी मदद जरुर करें क्युकी हो सकता है की उस व्यक्ति के रूप में स्वयं भगवान आपके पास आयें हो
कंस किला मथुरा की जानकारी | Kansh Fort In Mathura –
यमुना नदी के तट पर बसा कंश का किला मथुरा का मुख्य पर्यटक स्थलों में शामिल है क्युकी यह किला भगवान श्री कृष्ण जी के मामा का किला था जहां कंश ने कृष्ण भगवान जी के माता-पिता जी को जेल में कैद कर के रखा था और उन आठ जेलों में से ध्वस्त हो चुके है लेकिन आठवे जेल में जिस पत्थर पर श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था वो पत्थर आज भी उस मंदिर में मौजूद है
आप जाकर दर्शन भी कर सकते है उस मंदिर के सटे ही आपको एक मस्जिद भी दिखेगा जिसके बारे में कहा जाता है की वह कंश का किला ही था लेकिन बाद में अकबर ने अपने राज में उसपर कब्ज़ा कर लिया और उसे तोड़ कर मस्जिद का निर्माण कराया लेकिन वह जगह आज के समय में एक हिन्दू-मुस्लिम के भाईचारे के सामान मानी जाती है किला के खुलने का प्रातः 07:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक का है आप इस समय के बिच में कभी भी उस किले का दर्शन कर सकते है
निधिवन मथुरा की जानकारी | Nidhivan Mathura –
मथुरा के वृन्दावन में स्थित निधिवन एक रहस्मयी जगह भी है जिसे आज तक कोई भी बड़े से बड़ा वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाया है ऐसा माना जाता की निधिवन में आज भी भगवान श्री कृष्ण आते है निधिवन में रहस्मयी बाते बहुत सी है रात के समय में निधिवन के अन्दर किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता है यहाँ तक की मंदिर के पुजारियों को भी नहीं
आइये जानते निधिवन में होने वाले चमत्कार के बारे में –
- निधिवन के अन्दर ही भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी जी का मुख्य मंदिर स्थित है जिसमे रात होने से पहले जो मंदिर के पुजारी होते है वो एक थाली में पान , दातुन , सिंदूर ,रोड़ी , चन्दन , वस्त्र आदि सामान उसी मंदिर के अन्दर रख कर मंदिर का मुख्य कपाट को बंद कर देते है और उसमे ताला लगा देते है और फिर निधिवन का भी मुख्य द्वार को बंद कर दिया जाता है और उसमे भी ताला लगा दिया जाता है फिर उस कपाट को सुबह के समय में 4 से 5 के बिच सबके सामने खोला जाता है और उस समय आपको जो चमत्कार देखने को मिलता है उसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे
- उस समय हम यह देखते है की रात का रखा हुआ सारा सामान (जो थाली में रखा गया गया होता है) वो सारा का सारा बिखरा पड़ा हुआ दिखाई देता है और जो दातुन और पान होता है वो चबाये हुए होते है तथा वस्त्र और बिस्तर भी इधर उधर बिखरा हुआ रहता है जिसे देख कर हर कोई हैरान रह जाता है सच बताऊ तो मुझे खुद नहीं यकीन हो रहा था लेकिन अब ऊपर वाले के चमत्कार को कोई कैसे रोक सकता है
- आपने अपनी पुरे जीवन में अभी तक तुलसी जी का पौधा देखा होगा लेकिन अगर आप निधिवन में जाते है तो आपको वहां तुलसी का पेड़ देखने को मिलता है जो निचे जमीन की तरफ बढ़ता है शायद ही आपको इस दुनिया में ऐसा पेड़ देखने को मिले
- कहा जाता है की वही तुलसी का सारा पेड़ रात के समय में गोपियों का रूप धारण करती है नृत्य करती है तथा भगवान कृष्ण जी भी वहां आते है और रास रचाते है
- ऐसा माना जाता है की अगर रात के समय में निधिवन के अन्दर चोरी छिपे जाने की भी कोई कोशिश करता है तो वो अँधा हो जाता है या पागल हो जाता है क्युकी भुत से लोगो के साथ ऐसी घटना घटी है
लेकिन हा दोस्तों अगर आप वहां जाए है बंदरो से बहुत सावधान रहे क्युकी वहां के बंदर बहुत ही ज्यादा शरारती होते है और खास कर अपने सामान जैसे हैण्ड बैग , पर्स , मोबाइल , आदि बचा कर रखे क्युकी जब मई गया था एक बंदर मेरा सामान छीन कर भग गया और सामान बर्बाद कर दिया 😁😀 क्युकी उस समय मुझे भी नहीं पता था इसीलिए दोस्तों मई आप लोगो को सावधान कर रहा हूँ और मै आप लोगो से यही गुजारिश करूंगा आप सब एक बार निधिवन में जरुर जाएँ और इस चमत्कार को देखने
प्रेम मंदिर मथुरा की जानकारी | Prem Temple In Mathura | prem mandir mathura –
place to visit in Mathura and Vrindavan | मथुरा में घुमने की जानकारी – 54 एकड़ में बना यह मंदिर मथुरा के वृन्दावन में स्थित है जो श्री कृष्ण और राधा रानी जी तथा सीता जी और श्री राम जी को समर्पित है इस मंदिर के बगल में ही एक सत्संग हाल भी बनाया गया है जो बहुत ही बड़ा लगभग है जिसमे लगभग 25,000 लोग आराम से एक साथ आ जायेंगे इसमें आप कृष्ण भगवान की कलाकृतियाँ और गोवर्धन पर्वत का दृश्य भी देख सकते है यह मंदिर लगभग 125 करोड़ रू की लागत से तैयार किया गया है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते है और प्रेम मंदिर के खूबसूरती का लुफ्त उठाते है इस मंदिर का निर्माण श्री जगद्गुरु कृपालु महाराज जी ने कराया था अगर आपको प्रेम मंदिर का सबसे अलग नज़ारा देखना है तो रात के समय में देखिये जो बेहद ही आकर्षक लगता है
राधा कुंड मथुरा | Radha Kund In Mathura-
मथुरा से लगभग 26 किलोमीटर की दुरी पर स्थित राधा कुंड एक बहुत ही चमत्कारी जगह भी है क्युकी ऐसा माना जाता है की अगर कोई दम्पति को पुत्र/पुत्री की प्राप्ति नहीं हो पति है और वो दम्पति अगर विशेष दिन राधा कुंड में स्नान करे तो उन्हें पुत्र प्राप्ति होती है भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी जो को यह वरदान स्वयं दिया है
गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते समय बिच में आपको राधा कुंड दिखाई पड़ता है जहां आप जाकर स्नान कर सकते है तथा राधा कुंड में स्नान करने का सबसे शुभ दिन कार्तिक मास की अष्टमी के दिन होता है और रात के 12 बजे का समय सबसे शुभ माना जाता है जिसे कई लोग अहोई अष्टमी भी कहते है कार्तिक मास की अष्टमी को यहाँ हजारो की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते है और पुत्र रत्न की प्राप्ति की कामना करते है यही नहीं बल्कि इस जगह पर विदेश से भी बहुत सारे पर्यटक स्नान करने के लिए आते है
रंगजी मंदिर मथुरा ( रंगनाथ जी मंदिर मथुरा ) | Sri Rangji Temple In Mathura –
place to visit in Mathura and Vrindavan | मथुरा में घुमने की जानकारी – सन 1851 इ. में बना यह मंदिर मथुरा के वृन्दावन में स्थित है जिसके अन्दर एक 50 फिट ऊँचा एक द्वाजस्तम्भ है जो बहुत ही आकर्षक लगता है जिसकी वजह से मंदिर की शोभा भी बढ़ जाती है इस मंदिर में मुख्य प्रतिमा रंगनाथ जी (रंगजी) का है तथा रंगजी मंदिर में भगवान विष्णु जी के साकार रूप में विराजमान है रंगनाथ जी मंदिर का मुख्य दिवार बहुत ही भव्य और आधुनिक है जिसकी लम्बाई लगभग 773 फिट और चौड़ाई करीबन 440 फिट है इस मंदिर के संस्थपक सेठ गोविन्ददास तथा राधा कृष्णदास जी है यह मंदिर मथुरा के मुख्य मंदिर में भी शामिल है
बरसाना श्री राधा रानी मंदिर मथुरा | Barsana Shri Radha Rani Temple Mathura –
राधा रानी जी का जन्मस्थान बरसना ही है जहां राधा रानी जी का जन्म हुआ है और इसी जगह वो पली-बढ़ी थी उनका सारा बचपन बरसाना में ही व्यतीत हुआ था आज भी राधा रानी जी का घर आपको देखने को मिलेगा बरसाना गाँव में जो एक पहाड़ के सबसे ऊपर स्थित है उनके महल को इस समय मंदिर में परिवर्तित कर दिया गया है लेकिन जब आप वहां जाते है आप राधा रानी जी का आंगन भी देख सकते है जहां वो बचपन में खेलती थी यह जगह मथुरा का सबसे प्रिय माना जाता है क्युकी राधा जी कृष्ण भगवान के लिए सबसे ज्यादा प्रिय थी मथुरा के बरसाना में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध त्यौहार कृष्ण जन्माष्टमी और लठ मार होली का होता है जहां हजारो की संख्या में लोग आते है और त्यौहार का आनंद लेते है
गोकुल मथुरा | Gokul Dham In Mathura –
गोकुल धाम मथुरा से लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है जहां भगवान श्री कृष्ण जी का बचपन बिता था यह कृष्ण जी का गाँव था कान्हा जी ने यहाँ 11 वर्ष 1 महिना और पुरे 22 दिन अपना समय व्यतीत किया था यहाँ आप कृष्ण जी का घर भी सकते है जो लगभग 5000 साल पुराना है यह गाँव बहुत ही ज्यादा खुबसूरत एवं भुत ही शांत है यहाँ आज भी आपको पुराने से पुराने सामान देखने को मिलेंगे जब कृष्ण जी का जन्म कंश के महल में हुआ था तो वासुदेव जी ने भगवान को यही गोकुल में नंदलाल के घर छोड़ कर चले जाते है और गोकुल में ही इनका बचपन गुजरता है जब आप गोकुल में प्रवेश करेंगे तो आपको एक पेड़ दिखाई देगा जहां नटखट बाल गोपाल बासुरीं बजाया करते थे
स्कान मंदिर मथुरा | Iskcon Temple In Mathura –
सन 1975 ई. में बना यह मंदिर का निर्माण ए सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ( इस्कान के संस्थपक) ने स्वयं कराया है इस्कान मंदिर वृन्दावन के रमन रेटी में स्थित है इस मंदिर को श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के नाम से जाना जाता है ISKCON का मतलब (International Society for Krishna Consciousness) (कृष्ण चेतना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी) होता है इस मंदिर का निर्माण सफ़ेद संगमरमर से किया गया है जो देखने में भुत ही ज्यादा आकर्षक और खुबसूरत लगता है इस मंदिर में ज्यादातर विदेशी पर्यटक आते है और भगवान श्री कृष्ण जी के भक्ति में लीन हो जाते है यहाँ हर शाम में भजन कीर्तन आयोजन होता है जहां लोग भजन में लीन होकर नृत्य भी करते है जो देखने में बहुत ही ज्यादा मनमोहक लगता है और मन बहुत प्रसन्न हो जाता है
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